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उपवास से न केवल मधुमेह कम होता है बल्कि वसा भी पिघलती है: डॉ. खुशनूर आलम

  • 25 Mar 2025
  • आबिद अनवर
  • National
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नई दिल्ली, 23 मार्च (मुसरत डॉट कॉम) मधुमेह, रक्तचाप और जोड़ों के दर्द से पीड़ित मरीजों को उपवास के दौरान सावधानी बरतने की सलाह देते हुए प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट और कायरोप्रैक्टर डॉ. खुशनूर आलम ने कहा कि उपवास आपके जीवन को बदल सकता है और न केवल शरीर बल्कि आत्मा को भी प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा कि उपवास आपके शरीर और मन दोनों को प्रभावित करता है। जब आप उपवास करते हैं, तो आपका शरीर नवीनीकरण की प्रक्रिया से गुजरता है। यह ऑटोफैगी को उत्तेजित करके शर्करा को कम करने से लेकर वसा को पिघलाने तक का काम करता है, जो एक प्राकृतिक डिटॉक्स है जो आपकी कोशिकाओं की मरम्मत और पुनर्जनन में मदद करता है। सूजन कम हो जाती है, और आपका चयापचय पुनः सामान्य हो जाता है। उन्होंने कहा कि उपवास सिर्फ आपके शरीर के लिए ही नहीं है, यह आपके दिमाग को भी तेज करता है। यह अनुशासन, आत्म-जागरूकता और मानसिक स्पष्टता है। निरंतर पाचन के बिना, आपका मस्तिष्क अधिक मात्रा में BDNF नामक प्रोटीन का उत्पादन करता है, जो ध्यान और स्मृति में सुधार करता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, रमजान के दौरान, दुनिया भर में लाखों मुसलमान न केवल स्वास्थ्य लाभ के लिए, बल्कि आत्मचिंतन, धैर्य और आध्यात्मिक विकास के लिए भी उपवास रखते हैं। यह एक ऐसी प्रथा है जो भोजन से कहीं आगे जाकर लचीलापन, कृतज्ञता और आत्म-नियंत्रण सिखाती है। आइए हम सब मिलकर उपवास करें।
डॉ. खुशनूर आलम ने बताया कि रमजान के महीने में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों को समय पर दवा लेनी चाहिए और पौष्टिक, फाइबर युक्त आहार और कम तेल, कम मसाले वाला खाना खाना चाहिए। रोजा रखने से आपकी बीमारी ठीक हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में रोजे के दौरान निर्जलीकरण से बचने के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जोड़ों के दर्द, घुटनों के दर्द, कंधों के दर्द और पैरों के दर्द से पीड़ित लोगों को भी डॉक्टर के निर्देशानुसार व्यायाम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पैरों के दर्द, गर्दन के दर्द, घुटनों के दर्द, बदन के दर्द और नसों में तनाव से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना बहुत जरूरी है।
ज्ञात हो कि डॉ. खुशनूर आलम ने दिल्ली से बीपीटी और एमपीटी की है, जबकि उन्होंने जामिया हमदर्द से डाइट एंड न्यूट्रीशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया है। एफएनआर का मतलब अपोलो हॉस्पिटल और सीएमटी है। इसके अलावा उन्होंने कई महत्वपूर्ण संस्थानों में काम किया है और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी अपनी सेवाएं दी हैं।

 

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