Jadid Khabar
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आधुनिक जीवनशैली में पीठ दर्द रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है।

  • 27 Apr 2025
  • रजिया ज़फ़र
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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास अपने लिए समय ही नहीं बचता। दफ्तर की भागदौड़, बच्चों की स्कूल की पढ़ाई, घरेलू परेशानियां और अन्य व्यस्तताओं के कारण व्यक्ति को व्यायाम के लिए बहुत कम समय मिल पाता है, जिससे धीरे-धीरे उसकी मांसपेशियों और नसों में तनाव और अकड़न पैदा हो जाती है। अंगों में तनाव और अकड़न के कारण अंगों में दर्द होने लगता है। जिससे घुटनों में दर्द, कमर में दर्द, कंधों में दर्द, पीठ में दर्द तथा अन्य अंगों में दर्द होता है। मांसपेशियों में जकड़न के कारण नसों में तनाव पैदा होता है, जिसके कारण व्यक्ति को दर्द महसूस होता है। इससे उनमें काम के प्रति आलसी, अकर्मण्य और उपेक्षापूर्ण रवैया विकसित हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को कमर दर्द से बचने के लिए जहां व्यायाम जरूरी है, वहीं कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं। इसलिए
आज का दर्द, कल की मुसीबत - पीठ दर्द की रोकथाम आवश्यक है!
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कमर दर्द एक आम समस्या बन गई है। हर तीसरा व्यक्ति इस दर्द से पीड़ित है, चाहे वह युवा हो या वृद्ध। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 619 मिलियन लोग पीठ दर्द से पीड़ित हैं और 2050 तक यह संख्या 843 मिलियन तक पहुंच सकती है। भारत में भी हर दिन करोड़ों लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। यह दर्द मामूली रूप से शुरू होकर गंभीर बीमारी में बदल सकता है - यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए। यह न केवल शरीर को नुकसान पहुंचाता है बल्कि हमारे काम, नींद और जीवनशैली पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
पीठ दर्द के बढ़ते कारण
1. गलत बैठने की मुद्रा - लंबे समय तक झुककर बैठना या गलत तरीके से बैठकर काम करना।
2. शारीरिक गतिविधि की कमी - गतिहीन जीवनशैली पीठ की मांसपेशियों को कमजोर कर देती है।
3. भारी वस्तुएं उठाना - उचित तकनीक के बिना भारी वस्तुएं उठाने से मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है।
4. मोटापा - शरीर का अधिक वजन रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालता है।
5. मानसिक तनाव - चिंता और तनाव के कारण शरीर अकड़ जाता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है।
लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
पीठ के निचले हिस्से में लगातार या बार-बार होने वाला दर्द
पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन
सुबह उठते समय शरीर में अकड़न महसूस होना।
झुकने, उठने या चलने में कठिनाई
आराम करने के बाद भी दर्द कम नहीं होता
कमर दर्द से बचने के आसान उपाय
1. बैठने की सही मुद्रा अपनाएं - बैठते समय अपनी पीठ सीधी और कंधों को आराम दें।
2. नियमित व्यायाम करें - योग, स्ट्रेचिंग और पैदल चलना अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
3. अपना वजन नियंत्रण में रखें - संतुलित जीवनशैली से अतिरिक्त वजन को रोका जा सकता है।
4. लंबे समय तक बैठे रहने पर ब्रेक लें - हर 30-40 मिनट में 2-5 मिनट की हल्की सैर करें।
5. वजन सही तरीके से उठाएं - वजन हमेशा घुटनों से मोड़कर उठाएं, कमर से नहीं।
डॉक्टर से परामर्श कब करें?
जब दर्द दो सप्ताह से अधिक समय तक बना रहे।
यदि दर्द के साथ बुखार, वजन कम होना या मूत्र संबंधी समस्याएं भी हों।
पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी
इस तरह के लक्षण किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं, जैसे स्लिप्ड डिस्क या साइटिका।
अंत में, एक महत्वपूर्ण संदेश
''पीठ दर्द कोई साधारण परेशानी नहीं है - यह चुपचाप आपकी अच्छी-खासी जिंदगी को बर्बाद कर सकता है।
"अगर हम आज थोड़ा ध्यान दें तो कल होने वाली बड़ी समस्या से बच सकते हैं।"
इसलिए अपनी पीठ का ख्याल रखें - क्योंकि मजबूत पीठ ही मजबूत जीवन की पहचान है!
गोल्गोटियास विश्वविद्यालय

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