अत्यंत महँगे 'तालीमि प्रॉजेक्ट ' ( एक प्रकार का सॉफ्टवेयर ) स्कूलों पर थोपने का का विरोध करने पर , इंटरनेशनल इंडियन स्कूल- जेद्दा के चेयरमैन एवं सदस्यों को निकालने पर तुले !
इंटरनेशनल इंडियन स्कूल- जेद्दा के प्रबंधन समिति के चेयरमैन श्री गाज़नफर आलम ने सौदी अरब में भारतीय राजदूत एवं वहाँ चलने वाले भारतीय स्कूलों के स्कूलों के संरक्षक (Patron) श्री ओसाफ सईद से प्रार्थना किया है की एस्कूल के चेयरमैन एवं इसके प्रबंधन समिति के सदस्यों को ना निकाला जाए और ऐसी स्थिति में जब कि पूरा समुदाय कारोना से पीड़ित एवं इसके आर्थिक मार से त्रस्त है इतने महँगे "तालीमि प्रॉजेक्ट ” को लागू नहीं किया जाए I
चेयरमैन साहब ने अपने पत्र में लिखा है की उन्हें अज्ञात / विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि MOE वर्तमान स्कूल प्रबंधन समिति के चेयरमैन एवं तीन सदस्यों को इनकी सदस्यता की मुद्दत समाप्त होने से पहले ही निकाला जा रहा है एवं इसके लिए जल्द ही विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी I उन्होने ने Governing Rules के आर्टिकल 16 एवं 17 का संदर्भ देते हुए कहा है कि MOE इस तरह के कदम तभी उठा सकती है जब औपचारिक रूप से गठित जांच समिति की रिपोर्ट कारणों और औचित्य के साथ प्राप्त होती है जैसा की इस मामले में कहीं नही हुआ, अर्थात I ना ही कोई समिति बनाई गई और ना ही कोई कोई रिपोर्ट प्रस्तुत की गई I
उन्हों ने माननीय भारतीय राजदूत को ये भी लिखा कि किसी भी वयक्ति या वयक्तियों को प्रस्तुत नियम के विरुध जाकर कैसे हटाया या रखा जा सकता है I वह भी एक ऐसे कार्यालय की ओर से जो के किसी दूसरे देश में हमारे देश का प्रतिनिधित्व करता है I साथ ही उन्हों ने ये भी लिखा कि स्कूल प्रबंधन समिति से हमलोगों को हटाने की कोशिश तब और तेज़ कर दी गई जब हमलोगों ने अत्यंत महँगे "तालीमि प्रॉजेक्ट ” ( एक प्रकार का सॉफ्टवेयर ) स्कूलों पर थोपने का का विरोध करने के साथ साथ नए बहाल किए गए Admin Officer की संदिग्ध भूमिका की निष्पक्ष जांच की सिफारिश किया I जिसके कारण केवल अदालती करवाई में ही 12 मिलियन सऊदी रियाल खर्च हो गए I उन्होने ये भी लिखा की कोरोना महामारी के समय अभिभावक पर और बोझ डालना सही नही होगा कियों की बहुत सारे की या तो जॉब चली गई है या तनख़ाहें तो कम कर दी गई हैं ऐसी हालत मैं जब वो टियूशण आदि फीस भी देने के लाएक़ नही रह गये हैं प्रत्यक स्कूल पर सात लाख रियाल का बोझ डालना सही होगा I
ये माना जराहा है की EOI Riyadh के तहत चलने वेल 10 स्कूलों में बेहद महंगा, अव्यवहारिक "तालीमि प्रॉजेक्ट ” ( एक प्रकार का सॉफ्टवेयर ) को शुरू किया जेया रहा है जिस पर हर साल लग भाग 12 मिलियन रियाल (लग भाग 23 करोड़ भारतीय रुपया ) पर्त्यक साल खर्च हूंगे I
भारतिया दूतावास रियाध के तहत चलने वाले इंडियन इंटरनॅशनल स्कूल जेद्दाह की प्रबंधन समिति के चेयरमैन एवं तीन सदस्य को उनके कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही हटाए जाने की सिफारिश करदी है I माना जा रहा है की Patron Dr. Ausaaf Saeed ने अपने अब्ज़र्वर माननीय हामना मरयम ख़ान के द्वारा शिक्षा मंत्रालय सऊदी अरब को सूचित किया है की इन चार सदस्यों पर अब भरोसा नही रहा इस लिए इन को निकाल दिया जाए I
उन्होने ये दावा किया की चेयरमैन एवं दूसरे सदस्यों को हटाए जाने का कारण बेहद महंगा, अव्यवहारिक "तालीमि प्रॉजेक्ट ” ( एक प्रकार का सॉफ्टवेयर ) विरोध और इसके खिलाफ आवाज़ है जो उन्होने स्कूल के हक़ मैं उठाया I उन्होने कहा की मैं लग भाग 23 करोड़ की लागत वाले तालीमि प्रॉजेक्ट के खिूलाफ और गैर-क़ानूनी तौर पर चयनित अफ़सर के खिलाफ आवाज़ उठाया I तालीम ऑनलाइन प्रॉजेक्ट hayderabad की कंपनी है I उन्होने कहा की हम चारों सदस्यों को इसलिए हटाया जराहा है ताकि आसानी से इस प्रॉजेक्ट को लागू किया जासके तथा admin अफ़सर की मामला पर भी परदा डाला जा सके I
भारतीय राजदूत सऊदी अरब में International Indian स्कूलों का संरक्षक और कांसुलर पर्यवेक्षक होता है I